शिवपुरी -जिले के बैराड़ थाना क्षेत्र के कैमई गांव में बुधवार की रात झोपड़ी में भड़की आग में जलकर 86 साल की बुजुर्ग महिला की मौत हो गई। बताया गया है कि झोपड़ी में महिला के साथ उसकी 82 वर्षीय बहन भी सो रही थी जिसने भागकर जैसे-तैसे अपनी जान बचाई। सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस सहित प्रशासनिक अमले ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
जानकारी के अनुसार कैमई गांव की आदिवासी बस्ती में बुधवार की रात माखना 86 साल और साबो 82 साल दोनों सगी बहनों ने सर्दी से बचने के लिए सोने से पहले अंगीठी में आग जला ली थी। इसी से उनके बिस्तर में आग लग गई और फिर बाद में झोपड़ी में भी आग लग गई।
ऐसे में जैसे तैसे साबो आदिवासी दहकती झोपड़ी से बाहर निकलने में कामयाब हुई लेकिन बिमारी से जूझ रही माखना आदिवासी बाहर नहीं आ सकी। बता दें कि साबो आदिवासी की सूचना पर पड़ोसी आदिवासी परिवारों ने पानी डालकर झोपड़ी में भड़की आग को बुझाने का प्रयास किया था। लेकिन घास-फूंस से बनी झोपड़ी में भड़की आग नहीं बुझ सकी थी।
सूचना मिलने के बाद आज पुलिस सहित प्रशासनिक अमले ने मौके पर पहुंचकर बुजुर्ग महिला के जले शव को बाहर निकाल कर घटना की जांच शुरू कर दी हैं।