शिवपुरी। जिले की बदरवास जनपद की ग्राम पंचायत चारीद में रहने वाले मजदूरों को गांव में ही रोजगार मुहैया कराने के उद्देश्य से शासन द्वारा मनरेगा योजना लागू की गई है जिसके तहत ग्राम पंचायत में विभिन विकास कार्य कराकर ग्रामीण जॉब कार्ड धारी मजदूरों को रोजगार मुहैया कराया जाता है लेकिन जनपद पंचायत बदरवास की ग्राम पंचायत बारीद में इस योजना के उद्देश्य पर पानी फिरता नजर आ रहा है कारण पंचायत मनरेगा के तहत विकास कार्य तो हो रहे हैं लेकिन मजदूरों को रोजगार नहीं दिया जा रहा है इस वजह से ग्रामीण रोजगार की तलाश में दूसरे राज्य शहर में पलायन कर रहे हैं हालांकि कागजी खानापूर्ति के लिए जॉब कार्ड धारी के नाम से बाकायदा फर्जी मस्टर जरूर लगाए जा रहे हैं जिसके मामले आए दिन सामने आ रहे हैं गौर करने वाली बात यह है कि लगातार मामला सामने आने के बाद भी वरिष्ठ अधिकारी उचित कार्यवाही तो दूर जांच करना भी जरूरी नहीं समझते ऐसा ही एक मामला जनपद बदरवास को ग्राम पंचायत बारीद से सामने आया हैं।
मौका स्थल का जायजा लेने पर एक भी मजदूर काम करते हुए नहीं दिखे जबकि पंचायत कर्मियोंकागजी खानापूर्ति के लिए 68 मजदूरों की डिमांड डाली गई है यह डिमांड ऑनलाइन पोर्टल पर भी दर्ज है जनपद पंचायत बदरवास की ग्राम पंचायत बाद में फर्जी मस्टर कर मजदूरों के नाम पर राशि आहरण की जा रही है जबकि मौके स्थल पर एक भी मजदूर कार्य नहीं करता है सरपंच सचिव एवं रोजगार सहायक की मिलीभगत से ग्राम पंचायतों में कई निर्माण कार्य में भ्रष्टाचारी की गई है जैसे सूज बोल्डर निर्माण, पुलियापनर्माण समेत मनरेगा योजना के आदि निर्माण, स्वच्छ भारत मिशन जैसे निर्माण कार्य में भ्राचारी की जा रही है अगर ग्राम पंचायत की जांच की जाए तो सचिव, रोजगार सहायक एवं उपमंत्री पर कार्रवाई हो सकती है क्योंकि हमने देखा है कि बारीदकर के उपयंत्री की ग्राम पंचायतों में कोई भी अधिकारी शांक कर देखें तो कई निर्माण कार्य अधूरे पड़े हुए हैं तो कई निर्माण कर गायब है और कुछ निर्माण कार्य ऐसे हुए हैं जिसमें गुणवत्ताहीन जैसे निर्माण कार्य किए गए हैं जी कि बंद महीनों ही चल पाते हैं और क्षतिग्रस्त होकर गिर जाते हैं जब इस संबंध में ग्राम पंचायत बारी रोजगार सहायक अनिल यादव से जानकारी लेना चाहीं तो फोन नहीं उताया।
साइट पर सूचना बोर्ड भी नहीं
आलम ये है कि कार्यस्थल पर सूचना सिटीजन इनफार्मेशन बोर्ड जो काम शुरू होने से पहले लगाया जाता है, वो भी यहां नहीं है जो कि मनरेगा योजना में बड़े फर्जीवाड़े की ओर इंगित करता है।
पोर्टल पर खेला जा रहा खेल
मनरेगा मजदूरों के नाम से डिमांड रोजगार सहायक के द्वारा डाली जाती है इसके बाद जनपद पंचायत के एपीजी द्वारा मस्टरों को जनरेट किया जाता है यहां तक तो सब ठीक चलता है लेकिन इसके बाद हर रोज मौके पर जाकर रोजगार सहायक के द्वारा जो फोटो अपलोड किए जाते है वह अपलोड किए जाते है यह हम नहीं कहते यह रोजगार सहायक के द्वारा डाले गए फोटो पोर्टल पर वह खुद बयां करते है जैसे कि गुरुवार को रोजगार सहायक अनिल बाटव के द्वारा पोर्टल पर जो फोटो डाले गए हैं वह पुराने फोटो अपलोडकिए गए हैं जैसे की फोटोओं में साफ दिख रहा है कि फसल खड़ी हुई है आसपास जबकि वर्तमान में मौके पर इस प्रकार कि कोई हरियाली नहीं है इस प्रकार का फर्जीभाड़ा रोजगार सहायक द्वारा कई समय से किया जा रहा है
मजदूरों के हित से खिलवाड़ नहीं होने दिया जाएगा, जांच कर होगी कार्यवाहीः अरविन्द शर्मा
ग्राम पंचायत बारीद सहित अन्य ग्राम पंचायतों फर्जी मजदूरों के मस्टर डालने की शिकायते प्रास हो रही है नरेगा योजना को पुन लगाने का काम को रोजगार सहायक और एपीओ कर रहे है और जमीनी निरीक्षण किये बिना काम कर रहे है इससे मजदूरों के पलायन होना तय है जो नियम विरुद्ध है में मनरेगा के अधिकारियों को जमीनी सिक्षिण का शीघ्र आदेश देकर जांच कराता हूँ जो भी दोषी होगा उस पर कार्यवाही की जाएगा। सभी मजदूरों के बयान भी लिए जाएंगे। उक्त बात मनरेगा में चल रहे भ्रष्टाचार को लेकर जनपद पंचायत सीईओ बदरवास अरविंद शर्मा ने कही।