शिवपुरी जिले में रामनवमी का पर्व धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल और सकल हिंदू समाज के तत्वाधान में एक भव्य शोभायात्रा का आयोजन किया गया। यह शोभायात्रा खेड़ापति हनुमान जी मंदिर से प्रारंभ होकर काली माता मंदिर होते हुए नीलगर चौराहा से गुजरी, और शहर के विभिन्न मार्गों से होते हुए माधव चौक पर सम्पन्न हुई।
शोभायात्रा के स्वागत के लिए शहरवासी उत्साहित थे। जैसे ही शोभायात्रा की झाँकियाँ गुजरीं, सड़कों के दोनों ओर लोगों की भीड़ जमा हो गई। युवा, महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग सभी ने मिलकर पुष्पवर्षा की और जय श्रीराम के जयकारे लगाए। पूरे मार्ग में श्रद्धा और भक्ति का माहौल छाया हुआ था। कइयों ने जगह-जगह भंडारे और जलपान की व्यवस्था की, जिससे यात्रा में शामिल लोगों को भोजन की सुविधा मिल सके।
इस भव्य शोभायात्रा में विभिन्न बग्गियों की शोभा निराली थी, जिनमें से छह से अधिक सजी-धजी बग्गियां अपनी भव्यता के लिए जानी गईं। कुछ बग्गियों पर साधु-संत विराजमान थे, जबकि अन्य बग्गियों पर भगवान श्रीराम, वीर हनुमान और छत्रपति शिवाजी की झांकियां सजी थीं। इस दौरान बालिकाओं ने आत्मरक्षा का प्रदर्शन भी किया, जिसे देखने के लिए लोग उत्साहित थे।
यात्रा की शुरुआत दोपहर 3 बजे खेड़ापति मंदिर से हुई। इसके बाद यह काली माता मंदिर की ओर बढ़ी, फिर नीलगर चौराहा और गुरुद्वारा चौराहा होते हुए शहर के विभिन्न मार्गों से गुजरते हुए माधव चौक पहुंची। यहाँ पर श्रीराम की महाआरती का आयोजन किया गया, जिसमें हिन्दू समाज के संगठनों के सदस्य एकत्रित हुए और दीप प्रज्वलित कर भगवान श्रीराम का स्वागत किया। इस मौके पर पूरे शहर में ही राम के जयकारे गूंजते रहे, जिससे माहौल अपने आप में भक्तिमय हो गया।
शिवपुरी के लोगों ने इस दिन को एक अनूठा अनुभव मानते हुए इसे अपने धार्मिक आस्था की अभिव्यक्ति के रूप में देखा। स्थानीय संगठनों ने भी इस अवसर को सफल बनाने में अपनी अहम भूमिका निभाई। शोभायात्रा के दौरान सैकड़ों युवा भक्ति संगीत पर झूमते नजर आए, जिससे उत्साह का माहौल और भी गरमाता चला गया।
इस प्रकार, शिवपुरी जिले में रामनवमी का यह पर्व एक अद्वितीय धार्मिक और सांस्कृतिक पर्व के रूप में मनाया गया, जिसमें श्रद्धा, भक्ति और एकता का संदेश स्पष्ट रूप से सामने आया। सभी ने मिलकर भगवान श्रीराम की महिमा का गुणगान किया और यह उत्सव सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।