ग्वालियर किले में जैन तीर्थंकर की प्रतिमाओं पर बैठकर अभद्र भाषा का उपयोग कर वीडियो बनाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। शिवपुरी की प्रीति कुशवाह ने सोशल मीडिया पर एक नया वीडियो अपलोड कर माफी मांगी है। इस वीडियो में प्रीति और उनके सहयोगियों ने कहा कि उन्हें नहीं पता था कि ये प्रतिमाएं जैन धर्म की हैं और वे इसका अपमान करने का इरादा नहीं रखते थे।
घटना में सामने आया है कि प्रीति कुशवाह और उनके साथियों ने ग्वालियर किले की जैन तीर्थंकर की प्रतिमाओं पर बैठकर रील बनाई। इस दौरान, उन्होंने जूते-चप्पल पहनकर न केवल बैठने का कृत्य किया, बल्कि अभद्र भाषा का भी इस्तेमाल किया। यह स्थिति देखते ही देखते नाराजगी का कारण बन गई, विशेषकर जैन समाज के बीच।
जैन समाज ने प्रीति कुशवाह के इस कदम का विरोध करते हुए शनिवार को एसएसपी ग्वालियर धर्मवीर सिंह को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में उन्होंने मांग की कि रील बनाने वाली महिला और उसके साथियों के खिलाफ FIR दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार किया जाए। इस मामले में अखिल भारतीय श्री दिगंबर जैन बरैया महासभा ने भी संज्ञान लिया है और उन्होंने एसएसपी ग्वालियर को एक ज्ञापन देकर कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
मामला बढ़ने पर प्रीति कुशवाह ने माफी मांगी, लेकिन जैन समाज की नाराजगी कम नहीं हुई है। लोग इस घटना को धार्मिक भावना को आहत करने के रूप में देख रहे हैं और यही कारण है कि इस मुद्दे पर व्यापक प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। यह मामला न केवल धार्मिक सम्मान का है, बल्कि समाज के भीतर संवाद और संवेदनशीलता की आवश्यकता की भी ओर इंगीत करता है।