आदिवासी महिला की चीखें गूंजी, सिस्टम बना बहरा: कोलारस अस्पताल में प्रसूता तीन घंटे तक फर्श पर तड़पती रही, कोई सुनवाई नहीं

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आदिवासी महिला की चीखें गूंजी, सिस्टम बना बहरा: कोलारस अस्पताल में प्रसूता तीन घंटे तक फर्श पर तड़पती रही, कोई सुनवाई नहीं 

 शिवपुरी मध्यप्रदेश सरकार की स्वास्थ्य सेवाओं की पोल खोलती एक और शर्मनाक तस्वीर सामने आई है। आदिवासी समाज की एक 19 वर्षीय गर्भवती महिला रीना को प्रसव पीड़ा से तड़प रही थी, उसे भर्ती करने की बजाय अस्पताल प्रबंधन ने तीन घंटे तक जमीन पर पड़ा रहने को मजबूर कर दिया। इलाज तो दूर, अस्पताल में ज़मीन पर भी तड़पने दिया गया, लेकिन हमारे ‘संवेदनशील’ सिस्टम के कानों पर जूं तक नहीं रेंगी। कोलारस के सरकारी अस्पताल में घंटों दर्द से कराहती रही रीना के लिए न स्ट्रेचर मिला, न पलंग, न डॉक्टर, न संवेदना।

यह दृश्य सिर्फ लापरवाही नहीं, प्रशासनिक क्रूरता का खौफनाक चेहरा है। सुबह 7 बजे जब रीना को उसकी सहेलियां लेकर अस्पताल पहुंचीं, तो उम्मीद थी कि यहां उसे फौरन मदद मिलेगी। लेकिन नर्सिंग स्टाफ ने न उसे देखा, न सुना, और न ही पूछा कि वह किस हालत में है। अंततः उसे अस्पताल के बाहर फर्श पर लेटना पड़ा, जहां वह तीन घंटे तक दर्द में चीखती-चिल्लाती रही।

सवाल यह है: क्या इस देश में गरीब और आदिवासी महिलाओं की कोई इज्जत नहीं बची? क्या स्वास्थ्य विभाग का दिल पत्थर का हो गया है, जिसे एक प्रसूता की चीख भी नहीं पिघला पाती?

जब इस दर्दनाक घटना के वीडियो सामने आए, तो हर देखने वाला विचलित हो गया। मगर प्रशासन को फर्क नहीं पड़ा। उल्टा सीबीएमओ डॉक्टर आशीष श्रीवास्तव ने कह दिया कि उन्हें जानकारी ही नहीं थी! क्या तीन घंटे तक ज़मीन पर पड़ी एक महिला को देखने वाला कोई नहीं था?

बेशर्मी की हद तो तब पार हुई, जब बहाना यह दिया गया कि अस्पताल स्टाफ दूसरे मरीजों में व्यस्त था। क्या एक तड़पती गर्भवती महिला प्राथमिकता नहीं होनी चाहिए? या फिर वह इसलिए उपेक्षित रही क्योंकि वह गरीब, आदिवासी और "सिस्टम की नज़र में कम ज़रूरी" थी?

यह घटना अकेली नहीं, यह प्रदेश के स्वास्थ्य तंत्र की हालत की गवाही है। शिवपुरी जिला पहले से ही वेंटिलेटर पर चल रही स्वास्थ्य व्यवस्था के लिए बदनाम है। लेकिन इस बार मामला सिर्फ लापरवाही नहीं, बल्कि इंसानियत को शर्मसार करने वाला है।

अब सवाल यह है: क्या मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव इस पर कोई ठोस कार्रवाई करेंगे या फिर यह घटना भी उन फाइलों में दफ्न हो जाएगी, जिन्हें खोलने की किसी को फुर्सत नहीं?


 संजय ऋषिश्वर मुख्य CMHO शिवपुरी 

इन्होंने कहा यह मामला पहले ही संज्ञान में है। जांच के बाद करवाई की जाएगी। 

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