शिवपुरी। शहर के ऐतिहासिक मनसापूर्ण मंदिर में एक बड़ा आंदोलन खड़ा हो गया है। मंदिर के महंत ने भू-माफियाओं के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए बुधवार को ऐलान किया कि जब तक प्रशासन सरकारी जमीन को मुक्त नहीं कराता और दोषियों पर सख्त कार्रवाई नहीं करता, वे मंदिर परिसर में उपवास पर बैठे रहेंगे।
महंत ने आरोप लगाया कि मंदिर के पास की सरकारी जमीन को कुछ निजी लोगों के नाम रजिस्ट्री कर दिया गया है, जबकि यह भूमि वर्षों से मंदिर से जुड़े धार्मिक आयोजनों जैसे भागवत, भंडारे और मेलों के लिए उपयोग में लाई जाती रही है। उन्होंने सवाल उठाया कि खसरा नंबर 414/11 और 414/12 की यह भूमि वर्ष 1951-52 और 1952-53 से ही "सरकार मध्य भारत" के नाम दर्ज है, फिर भी इसे निजी नामों में कैसे दर्ज किया गया?
महंत के समर्थन में अब मंदिर से जुड़े भक्त और स्थानीय लोग भी आ खड़े हुए हैं। उपवास स्थल पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचकर प्रशासन के खिलाफ नाराजगी जता रहे हैं। हर शाम मंदिर परिसर में दीप जलाकर न्याय की कामना की जा रही है।
महंत ने बताया कि उन्होंने 5 मई को कलेक्टर को एक लिखित आवेदन देकर जमीन की जांच कराने की मांग की थी, जिसे जांच के निर्देश भी मिल गए थे, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। वहीं, आरोप है कि जमीन पर अवैध कब्जा करने वाले लोगों ने उन्हें जान से मारने की धमकी तक दे डाली।
प्रार्थना-पत्र में यह भी मांग की गई है कि बछौरा गांव में स्थित, पंचमुखी हनुमान मंदिर के निकट, थीम रोड से लगी भूमि की तुरंत जांच कर शासकीय भूमि घोषित किया जाए और अतिक्रमण को रोका जाए। आंदोलन के चलते अब प्रशासन पर भी दबाव बढ़ गया है कि वह स्थिति स्पष्ट करे और न्यायिक कदम उठाए।