नरवर कस्बे के करैरा तिराहे पर शनिवार देर रात देवी अहिल्याबाई होलकर की प्रतिमा स्थापित किए जाने से विवाद की स्थिति बन गई। पाल-बघेल समाज द्वारा मूर्ति की स्थापना की गई, जबकि क्षत्रिय समाज का कहना है कि यह भूमि 2016 में महाराणा प्रताप पार्क के लिए स्वीकृत थी।
क्षत्रिय समाज ने आरोप लगाया कि बिना पूर्व सूचना के यह कार्य जानबूझकर किया गया, जिससे समाज की भावनाएं आहत हुईं। मामले को लेकर दोनों पक्षों में तनाव बढ़ने लगा तो प्रशासन ने तत्काल पुलिस बल और राजस्व अमले को मौके पर तैनात कर दिया।
गौरतलब है कि जिले के पिछोर और करैरा क्षेत्र में भी पहले इस तरह की घटनाएं हो चुकी हैं। अब नरवर में भी इसी तरह प्रतिमा स्थापना से प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठने लगे हैं। प्रशासन ने जांच शुरू कर दी है।