बदरवास वन परिक्षेत्र में जंगल कटाई का गंभीर मामला, डिप्टी रेंजर और वन रक्षक पर मिलीभगत का आरोप

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शिवपुरी: एक तरफ जहां मध्य प्रदेश शासन वन विभाग को प्लांटेशन के ज़रिए वन परिक्षेत्रों को हरा-भरा बनाने के लिए पूरी ताक़त झोंक रहा है, वहीं दूसरी ओर वन विभाग में पदस्थ डिप्टी रेंजर और वन रक्षकों की मिलीभगत से जंगलों का सफ़ाया होने का गंभीर मामला सामने आया है। यह मामला बदरवास वन परिक्षेत्र की सब रेंज गणेशखेड़ा की सोनपुरा बीट से जुड़ा है।
जानकारी के अनुसार, गणेशखेड़ा सब रेंज के अधिकारियों की मिलीभगत से जंगलों की अवैध कटाई धड़ल्ले से जारी है। यह कोई नया मामला नहीं है कि गणेशखेड़ा सब रेंज के ज़िम्मेदारों को इस बात की भनक न हो कि उनकी बीटों में जंगल कट रहा है। सोनपुरा बीट में विशेष रूप से बहुमूल्य खैर के हरे-भरे पेड़ों की कटाई लगातार जारी है। वन माफिया खुलेआम सैकड़ों पेड़ों को काटकर खेती के लिए ज़मीन तैयार कर रहे हैं।
हैरत की बात यह है कि सोनपुरा बीट में कई दिनों से वन माफिया जंगलों को खेतों में तब्दील कर रहे हैं, लेकिन यहां के बीट गार्ड और डिप्टी रेंजर को इसकी कोई भनक नहीं है। यह स्पष्ट संकेत देता है कि यहां पदस्थ बीट गार्ड और डिप्टी रेंजर माफियाओं पर अंकुश लगाने में पूरी तरह असफल साबित हो रहे हैं।
किन वन कक्षों में हुई कटाई
उक्त बीट के वन कक्ष क्रमांक 1208, 1209, 1213, 1214, 1215, 1211, 1206, और 1207 को वन माफियाओं द्वारा तहस-नहस कर सैकड़ों खैर के बहुमूल्य पेड़ काट डाले गए हैं। इन घटनाओं से जुड़े फोटो और वीडियो भी वायरल हो रहे हैं, जो स्थिति की गंभीरता को दर्शाते हैं।
प्लांटेशन के नाम पर करोड़ों का खर्च, ज़िम्मेदारी केवल खर्च करने तक
गणेशखेड़ा सब रेंज के ज़िम्मेदार अधिकारियों की घोर लापरवाही के चलते वनों की अवैध कटाई थमने का नाम नहीं ले रही है। शासन द्वारा प्लांटेशन के नाम पर लाखों-करोड़ों रुपये खर्च किए जा रहे हैं, लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि ज़िम्मेदारों की जवाबदेही केवल लाखों-करोड़ों खर्च करने तक ही सीमित रह गई है, वनों के संरक्षण तक नहीं। इस गंभीर मामले में उच्च अधिकारियों द्वारा तत्काल संज्ञान लेकर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की जा रही है।
यह स्थिति मध्य प्रदेश के वन संपदा के लिए एक बड़ा ख़तरा है। क्या आपको लगता है कि इस तरह की लापरवाही पर अंकुश लगाने के लिए और सख्त कदम उठाए जाने चाहिए

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