जिंदा समाधि लेने वाले बरैठा बाबा, आज पूरे देश में 'खूबत बाबा' के नाम से प्रसिद्ध

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‎रजक समाज के सुप्रसिद्ध खूबत बाबा मंदिर को असामाजिक तत्वों द्वारा किया जा रहा भंग, अब रजक समाज करेंगी अपनी समिति का गठन, मंदिर की देखरेख से लेकर निर्माण कार्य की रहेंगी जिम्मेदारी
‎शिवपुरी / शिवपुरी जिला मुख्यालय से लगभग 12 किलोमीटर दूर सुप्रसिद्ध मंदिर खूबत बाबा पर रजक समाज के द्वारा एक बैठक रखी गई, खूबत बाबा का इतिहास रजक समाज से जुड़ा हुआ है अभी वर्तमान में खूबत बाबा मंदिर पर मंदिर की मर्यादा को कुछ असामाजिक तत्व किस्म के लोगो द्वारा भंग किया जा रहा है जैसे मंदिर में ही दारू पीना, मीट खाना, शराब पीकर मंदिर में ही सोना, गंदगी फैलाना, साथ ही मंदिर पर आने वाली चढ़ोतरी को हड़प लेना, अभी वर्तमान में पूजा कर रहे रामपाल आदिवासी ने बताया कि मंदिर की अभी वर्तमान में मंदिर पर आने वाली पूरी चढ़ोतरी को दीपक शिवहरे नाम का व्यक्ति ले जाता है पिछले करीब 5 सालो से दीपक शिवहरे का परिवार ही मंदिर की चढ़ोतरी हड़प रहा है अभी तक शिवहरे ने चढ़ोतरी से मंदिर का कोई निर्माण कार्य नहीं कराया है हर दिन मंदिर पर करीब 1 हजार से लेकर 3 हजार तक की चढ़ोतरी होती है जिसे रोजाना दीपक शिवहरे नाम का व्यक्ति ले जाता है, रजक समाज के सुप्रसिद्ध खूबत बाबा मंदिर पर हुई रजक समाज की बैठक में समाज के द्वारा निर्णय लिया गया कि अब खूबत बाबा की देखरेख,साफ सफाई और चढ़ने वाले दान का समिति हिसाब रखेगी, मंदिर पर रजक समाज के खूबत बाबा का एक बोर्ड लगाया जाएगा, मंदिर पर कलर और रिपेयरिंग का काम किया जाएगा, मंदिर में एक स्टील की दान पेटी बनाकर मंदिर के अंदर ही चुनवाया जाएगा जिसे हर अगले महीने में होने वाली मीटिंग पर समिति के समस्त सदस्यों के सामने खोला जाएगा, इस पैसे से मंदिर का निर्माण कार्य, धर्मशाला, गार्डन, पानी की टंकी,और मंदिर पे पास में लोगो को बैठने की उत्तम व्यवस्था की जाएगी, रजक समाज के द्वारा अगली मीटिंग 3 अगस्त 2025 को रखी गई है जिसमें शिवपुरी, डबरा, मुरैना, भिंड, गुना,अशोकनगर,के रजक समाज के सभी लोग शामिल होंगे, 3 अगस्त को होने वाली मीटिंग में समाज अपने पैसे से मंदिर के वहार वोर्ड रजक समाज के संत खूबत बाबा का वोर्ड लगाइगी..
क्या है खूबत बाबा के मंदिर का इतिहास
‎रजक समाज को पहले धोवी समाज से जाना जाता था इतिहास में धोवी समाज  में एक संत हुआ करते थे जिनका नाम बरैठा बाबा था जिनकी पत्नी का नाम कलावती था संत बरैठा बाबा शंकर भगवान के भक्त थे और सिद्ध बाबा को अपना गुरु मानते थे वह एक बार बंगाल गए वहा से वह जादू सीख कर आए थे वह जादू उन्होंने अपनी पत्नी कलावती को भी बताई एक दिन कलावती से बरैठा बाबा ने कहा की मैं तुम्हें जादू बताता हूं बरैठा बाबा ने एक लोटा जल लिया और उसे पढ़कर अपनी पत्नी के पास रख दिया, बाबा ने बोला कि जब मैं शेर का रूप धारण कर लूं उसके बाद तुम इस जल को मेरे ऊपर छिड़क देना, लेकिन जैसे ही बाबा ने शेर का रूप धारण किया तो उनकी पत्नी कलावती डर गई और उनसे धोखे से वह जल का लोटा फैल गया, और उसी दिन से वह शेर का रूप धारण करे हुए हैं वह शेर का रूप धारण करके इस जंगल में आए और उन्होंने यहां जिन्दा समाधि लेली, एक दिन मोहन बंजारा अपने परिवार के साथ आया और वह इस जगल में रुका वह निसंतान था उसके यहां संतान नहीं हो रही थी, बाबा ने उसके सपने में आकर उसे दर्शन दिए और कहा कि अगर तेरे यहां संतान पैदा हो जाए तो मेरा एक छोटा सा चबूतरा बनवा देना जब बंजारे के यहां संतान हो गई तो उसने हंसकर बाबा का चबूतरा बनाया उसके बाद धीरे-धीरे इसका पक्का निर्माण हुआ और फिर इसे खूबत बाबा के नाम से जाना जाने लगा, शुरुआत में सतनवाड़ा के पास ममोनी गांव के रहने वाले धोवी समाज के लोगो ने इसकी पूजा की इसके बाद समय बीतता गया और फिर एक कलर को इसकी पूजा करने के लिए बोला गया इसके बाद उस कलर ने एक रामपाल आदिवासी जो मामोनी गांव का रहने वाला है उससे पूजा करने के लिए बोला और अब वर्तमान में वही पूजा कर रहा है लेकिन अब रजक समाज आने वाली 3 अगस्त 2025 से मंदिर की समिति बनाकर अब फिर से मंदिर की जिम्मेदारी लेगा, खूबत बाबा पर हुई रजक समाज की बैठक में शिवपुरी जिले के सभी समाज बंधुओ के साथ संभागीय प्रभारी दामोदर रजक, संभागीय अध्यक्ष बच्चू राम रजक, जिला अध्यक्ष अशोक रजक, युवा समिति जिला अध्यक्ष रामेश्वर रजक, युवा संभागीय अध्यक्ष जसवंत रजक, वरिष्ठ समिति सदस्य श्रीलाल रजक, कल्याण रजक, बल्लू रजक, दीपक रजक, कप्तान रजक, बृजेश रजक सचिव, कैलाश रजक महामंत्री, सत्यवान रजक आदि समस्त रजक समाज एकत्रित हुआ

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