शिवपुरी मध्यप्रदेश में आजकल वैसे तो पेड़ो को लगाने और संरक्षण के लिए अभियान चलाए जा रहे है वही बीजेपी के एक बड़े नेता हेमन्त ओझा के भाई गिर्राज ओझा ने तो उनको तोड़ने और काटने का काम भी बीजेपी के बड़े नेताओं के भाई भतीजे कर रहे है ऐसे ही एक मामले में शिवपुरी के विजयपुरम का सामने आया है जिसमे शिवपुरी के गिर्राज ओझा और सैंकी अग्रवाल के नाम के कुछ जमीन है जिसमे बिना रेरा और TNCP की परमिशन के प्लाटिंग की तैयारी है और वहाँ आम रास्ते पर लगे बड़े बड़े हरे भरे पेड़ो को काटने की तैयारी की जा रही थी और कुछ काट भी दिए थे,
लेकिन जब वहाँ आसपास निवास करने वाले स्थानीय लोगो ने जब हरे भरे पेड़ो को काटने पर आपत्ति की तो वह दोनों कॉलोनी वासियों से लड़ने तैयार हो गए और गाली गलौज करने लगे इसके बाद सूचना मिलते ही वहां नगर पालिका की टीम आ गई उनको देखकर यह सभी असामाजिक तत्व भाग खड़े हुए
जब उनसे कॉलोनी वासियो ने हारे भरे पेड़ो को काटने की परमिशन के बारे मे पूछा तो नगर पालिका के कर्मचारियों का कहना था की इस तरह के हारे भरे पेड़ो को काटने की कोई परमिशन नहीं दी जाती है और ना ही दी गई है।
लेकिन देखने वाली बात तो ये है कि आखिर ऐसे लोगों को किसका संरक्षण है ये बात देखने वाली होगी आखिर शिवपुरी की धरा को कौन वन और हरे भरे पेड़ो को काटकर बर्बाद कर रहा है अगर बात नियम की करे तो सरकार की अनुमति के बिना पेड़ को कटाना अपराध है। भारतीय वन कानून 1927 के अनुसार सेक्शन 68 के अंतर्गत पर्यावरण कोर्ट में मामला दर्ज हो सकता है। इसमें पेड़ों की चोरी, पर्यावरण को नुकसान पहुंचने और प्रदूषण एक्ट के तहत मामला दर्ज हो सकता है।
जब इस सम्बन्ध मे संबधित SDM अनूप श्रीवास्तव से बात की गई तो उन्होंने इस संबंध मे जानकारी देते हुए बताया की यहां मामला ADM महोदय से सम्बंधित है जबकि नियम अनुसार जमीन से संबधित कोई भी मामला या परमिशन संबंधित तहशील के तहसीलदार एवं अनुविभागिया अधिकारी (SDM) के बिना संभव नहीं है