शिवपुरी। खबर जिले के मगरौनी नगर पंचायत की है जहाँ एक आदिवासी परिवार अपने बच्चों सहित अब खुले आसमान के नीचे रात बिताने को मजबूर है। पीड़ित आदिवासी परिवार ने प्रशासन से कई बार गुहार लगाई लेकिन उसकी किसी ने नहीं सुनी।पीड़ित टन्टी आदिवासी पुत्र भोनाराम आदिवासी ने बताया कि उसे वार्ड क्रमांक 3 में इंदिरा आवास कुटीर उसके पिता के नाम ग्राम पंचायत से मंजूर हुई थी। इसके निर्माण के बाद वह अपने परिवार सहित उसमें रहकर, मेहनत मजदूरी कर अपने परिवार का पालन पोषण करता था। इसी दौरान वह मजदूरी करने के लिए कुछ महीनों के लिए बाहर चला गया। इसी दौरान उसकी कुटीर को तोड़ दिया गया।
टन्टी आदिवासी ने बताया कि जब मैंने मेरे घर को गिराने का कारण जानना चाहा तो अधिकारियों ने बताया यहां सुलभ कॉम्प्लेक्स बनेगा। देखते ही देखते प्रशासन के बुलडोजर ने आदिवासी की कुटीर को पटककर वहां कॉम्प्लेक्स बनाना शुरू कर दिया। अब आदिवासी अपने परिवार सहित दर दर की ठोंकरे खा रहा है। आदिवासी ने बताया कि उसके मकान में टीव्हीम, साइकिल, कूलर, पंखे, मंगल सूत्र आदि सामान भी रखा था।
पीड़ित ने बताया कि मौके पर न तो अब कॉम्प्लेक्स का निर्माण पूरा हुआ और न ही मेरी कुटीर बची है। इस पूरे कारनामे में वार्ड 9 के पार्षद की भी भूमिका है जो लगातार उसे जान से मारने की धमकी और राजीनामा करने का दबाव बना रहा है। टन्टी आदिवासी ने कहा कि उसने कई बार जनसुनवाई, करैरा एसडीएम को भी आवेदन दिया मगर कोई सुनवाई नहीं हुई। पीड़ित ने मुख्यमंत्री मोहन यादव से आशियाना उपलब्ध कराने की मांग की है।
जांच करवाकर अधिकारियों को सौंपेंगे
इस मामले में नगर पंचायत मगरौनी सीएमओ विजय गोयल ने कहा कि जांच चल रही है, तीन टीमें जांच करने आईं थीं। हम शीघ्र ही प्रतिवेदन बनाकर इस विषय में शीर्ष अधिकारियों को उपलब्ध कराएंगे, मामले का निराकरण जल्द कर दिया जाएगा।