शिवपुरी-भारतीय किसान संघ ने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) द्वारा विदेशी कंपनियों के साथ किए जा रहे संदिग्ध समझौतों पर गहरी नाराजगी व्यक्त की है। संघ का कहना है कि ICAR जैसे प्रतिष्ठित संस्थान द्वारा किए गए ऐसे समझौते किसानों के हितों के खिलाफ हैं और इससे किसानों के बीच दशकों से बने हुए विश्वास को तोड़ा जा रहा है। भारतीय किसान संघ ने इस कदम को किसानों के लिए खतरनाक बताते हुए कहा कि यह समझौते कृषि क्षेत्र में बड़े नुकसान का कारण बन सकते हैं और देश के किसानों की स्वायत्तता को खतरे में डाल सकते हैं।
किसानों के हित में ICAR के समझौतों पर हो विस्तृत बहस: भारतीय किसान संघ
भारतीय किसान संघ ने ICAR के संदिग्ध समझौतों पर चिंता जताते हुए केंद्र सरकार से मांग की है कि इन समझौतों पर व्यापक और सार्वजनिक बहस होनी चाहिए। संघ का कहना है कि किसानों के हितों और उनकी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए किसी भी समझौते से पहले किसानों की राय ली जानी चाहिए। भारतीय किसान संघ का मानना है कि कृषि क्षेत्र में हो रहे इन बदलावों के बारे में किसानों को पूरी जानकारी और समझ होनी चाहिए ताकि उनकी आर्थिक और सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
सरकार से ICAR के लिए वित्तीय प्रावधान बढ़ाने की मांग
भारतीय किसान संघ ने केंद्र सरकार से अनुरोध किया है कि ICAR और अन्य सरकारी कृषि शोध केंद्रों को पर्याप्त वित्तीय सहयोग प्रदान किया जाए। संघ का मानना है कि इन संस्थानों के पास स्वतंत्रता और पर्याप्त संसाधन होने चाहिए ताकि वे देश के किसानों के हित में काम कर सकें। इसके अलावा, उन्होंने बजट में निजी कंपनियों को शोध के लिए किए गए प्रावधानों को भी सरकारी संस्थानों को उपलब्ध कराने की मांग की है, ताकि किसान स्वदेशी शोध और तकनीकी विकास पर निर्भर हो सकें और विदेशी कंपनियों पर उनकी निर्भरता कम हो।
बृजेश सिंह धाकड़ जिलाध्यक्ष
बृजेश शर्मा जिलामंत्री
योगेश वर्मा जिलाउपाध्यक्ष
मुन्नालाल कोठारी जिलाउपाध्यक्ष
दामोदर वर्मा जिला कोषाध्यक्ष
सुभाष शर्मा सदस्य
भानुप्रताप यादव जिला मीडिया प्रभारी
दीपेंद्र पाल सह जिला मीडिया प्रभारी
अशोक सिंह परिहार तहसील अध्यक्ष शिवपुरी अखिलेश धाकड़ सदस्यों ने
ज्ञापन दिया