शिवपुरी – पिछले कुछ दिनों से लगातार हो रही बारिश के कारण सोयाबीन, उड़द और मक्का की फसलों को भारी नुकसान हो रहा है। कई स्थानों पर खेतों में कटाई के बाद सूखने के लिए रखी फसल पर पानी से सड़ने गई है, जबकि जिन जगहों पर अभी तक कटाई नहीं हो पाई थी, वहां की फसल पूरी तरह से पानी में डूब गई है। इससे फसल के सड़ने और फफूंद लगने का खतरा बढ़ गया है। विशेष रूप से इस वर्ष मक्का की फसल बड़ी मात्रा में बोई गई है, जो अब पककर तैयार है। पानी के कारण मक्का के पौधे गलकर जमीन से चिपक गए हैं, जिससे हारवेस्टिंग में भी दिक्कतें आयेंगी खेतों में नमी के कारण मशीनों से कटाई संभव नहीं हो पाएगी जिससे किसानों को मजबूरी में मजदूरों पर निर्भर होना पड़ रहा है, और इस कारण मजदूरों की मांग और कीमतें दोगुनी हो गई हैं।
सोयाबीन की पहले से ही कम कीमतों से परेशान किसानों के लिए बारिश एक नई चुनौती बनकर सामने आई है। जिले में बारिश के चलते सोयाबीन और उड़द की फसल को भारी नुकसान हुआ है। किसानों का कहना है कि कई जगह कटाई के बाद खेतों में रखी फसल में पानी भर गया, जिससे उसकी गुणवत्ता प्रभावित हो रही है। जिन खेतों में अभी तक कटाई नहीं हुई थी, वहां की फसल पूरी तरह से जलमग्न हो गई है। इसके अलावा, नमी के कारण फसल में फफूंद लगने की संभावना भी बढ़ गई है, जिससे फसल सड़ने का खतरा है।
मजदूरों की मांग में बढ़ोतरी
खेतों में लगातार नमी रहने के कारण मशीनों से कटाई नहीं हो पा रही है। किसानों को मजबूरी में मजदूरों से कटाई करवानी पड़ रही है, लेकिन मजदूरों की मांग अधिक होने के कारण उनकी मजदूरी भी दोगुनी से चार गुनी तक बढ़ गई है। साथ ही नमी की वजह से काम भी धीमी गति से हो रहा है, जिससे किसानों का खर्चा लगातार बढ़ता जा रहा है।