जानकारी के अनुसार घटना बैराड़ थाना क्षेत्र के रसेरा पंचायत के लक्ष्मीपूरा गांव में रहने वाले वासुदेव और उसकी पत्नी रुकमणी रिश्तेदार की गमी में शामिल होने धौलपुर गए हुए थे। वासुदेव उसकी तीन बेटी अनुष्का, संध्या और ज्योति को अपने पिता हजारी के पास छोड़ गया था। 65 साल के बुजुर्ग हजारी बंजारा पोती संध्या (5) और ज्योति (4) के साथ सो रहे थे। पोती अनुष्का (7) अलग पलंग पर थी। रात करीब 11 बजे के झोपड़ी में आग भड़क गई। ज्योति की आंख खुल गई। वह झोपड़ी से बाहर निकल गई, लेकिन उसके दादा और दोनों बहनें झोपडी में ही फंस गए।
एक घंटे की मशक्कत के बाद पाया काबू
बताया जा रहा है कि ज्योति ने पड़ोस में रह रहे रहे अपने चाचा को जीतेन्द्र बंजारा को आग लगने की सूचना दी थी। इसके बाद में ग्रामीणों की मदद से आग पर काबू पाने के प्रयास में सिंघल फेस से पानी की मोटर से पानी डाला गया। सूचना के बाद मौके पर पुलिस सहित एम्बुलेंस और फायर बिग्रेड पहुंच गई थी। करीब एक घंटे के बाद आग पर काबू पाया गया था।
जलता हुआ झोपड़ी का छप्पर गिरा
बैराड़ थाना प्रभारी विकास यादव ने बताया कि झोपड़ी पर घांसफूस का छप्पर डला हुआ था, जो जलकर बुजुर्ग हजारी और उसकी दो पोतियों के ऊपर गिर गया, जिससे तीनों नीचे दब गए थे। बता दें आग बुझाने के बाद तीनों को झोपड़ी से बाहर निकाला गया था। हजारी और अनुष्का की मौके पर मौत हो गई थी, वहीं संध्या की सांस चल रही थी। उसे तत्काल जिला अस्पताल भेजा गया था। यहां से उसे मेडिकल कॉलेज भेजा गया था। इसके बाद ग्वालियर रेफर किया था, लेकिन रास्ते में उसकी मौत हो गई।