जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर भगवान आदिनाथ के जन्म और तप कल्याणक के पावन अवसर पर 23 मार्च, रविवार को शिवपुरी में एक भव्य आयोजन का कार्यक्रम रखा गया है। यह आयोजन संपूर्ण जैन समाज और अन्य संगठनों के सहयोग से नगर के इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ने जा रहा है। इस समारोह का मुख्य आकर्षण होगा 111 मंडलीय 48 दीपकों से भगवान ऋषभदेव जी की आराधना, जिसे मुनि मंगलानंद जी महाराज और मुनि मंगल सागर जी महाराज के सानिध्य में किया जाएगा।
इस अद्वितीय कार्यक्रम की शुरुआत प्रातः 8:30 बजे आदिनाथ जिनालय, शिवपुरी पर मंगल प्रवचन के साथ होगी। इस शुभ अवसर पर मुनि द्वय उपस्थित रहेंगे, जो सभी श्रद्धालुओं को धर्म की ओर प्रेरित करेंगे। इसके बाद, सुबह 9:30 बजे से 2 पहिया वाहनों के साथ एक विशाल धर्म प्रभावना रैली का आयोजन किया जाएगा। यह रैली आदिनाथ जिनालय से प्रारंभ होकर विभिन्न महत्वपूर्ण स्थलों से होते हुए महावीर जिनालय, महल कॉलोनी, शिवपुरी पर समाप्त होगी। रैली का समापन ध्वजारोहण के साथ किया जाएगा, जो इस समारोह की गरिमा को और बढ़ाएगा।
इस विशाल रैली में शहर के समस्त जैन समाज, महिला मंडल, पुरुष एवं युवा संगठनों का सहयोग शामिल होगा। इसका उद्देश्य जैन धर्म की महत्वता को जन-जन तक पहुंचाना और समाज में एकता के सूत्र को मजबूत करना है।
आयोजन के दौरान, दोपहर में आदिनाथ जिनालय पर महिलाओं द्वारा बधाई और भजन कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। यह कार्यक्रम समाज के सभी वर्गों को एकजुट करने का प्रयास करेगा। समाजसेवी चौधरी हरिओम, जो राष्ट्रीय जिन शासन एकता संघ शिवपुरी के संयोजक हैं, ने बताया कि इस कार्यक्रम को भव्य रूप से आयोजित करने के लिए जैन समाज शिवपुरी और राष्ट्रीय जिन शासन एकता संघ शिवपुरी की एक समिति का गठन किया गया है।
इसके अंतर्गत रात्रि में 7 बजे, माधव चौक पर 111 मंडलों द्वारा 48 दीपकों से भगवान ऋषभदेव जी की आराधना भक्तामर पाठ के साथ की जाएगी। इस आयोजन को भव्यता प्रदान करने के लिए ब्रह्मचारी भैया मनोज लल्लन (जबलपुर) और ब्रह्मचारी भैया डॉ. नीलेश जैन के निर्देशन में संपन्न किया जाएगा।
इस भव्य आयोजन के द्वारा जैन धर्म के प्रति जन जागरूकता बढ़ेगी और साथ ही समाज में परस्पर सद्भावना का संचार होगा। आयोजक समिति ने सभी श्रद्धालुओं और समाज के लोगों से इस अवसर पर सहभागिता करने और धर्म के प्रति अपनी निष्ठा को प्रकट करने की अपील की है।
विशेष रूप से, यह आयोजन केवल धार्मिक नहीं, बल्कि सामाजिक एकता का प्रतीक भी है, जिसमें सभी वर्ग और समुदाय के लोग एक साथ मिलकर जैन धर्म की शिक्षाओं को आगे बढ़ाने का कार्य करेंगे। सभी के सहयोग से यह आयोजन सफल हो, यही समिति की कामना है।
शिवपुरी के इस महोत्सव में शामिल होना न केवल नगर के जैन समाज के लिए, बल्कि समाज के प्रत्येक व्यक्ति के लिए गर्व की बात होगी। सभी को इस ऐतिहासिक अवसर पर शामिल होने आमंत्रित किया जाता है, ताकि हम सभी मिलकर जैन धर्म की इस दिव्य परंपरा को आगे बढ़ा सकें।