शिवपुरी जिले के कोलारस अनुविभाग स्थित डेहरबारा गांव में एक 23 वर्षीय युवक, नितेश रावत, कुत्ते के काटने के बाद रेबीज के कारण अपनी जान गंवा बैठा। नितेश को पहले एक स्थानीय झोलाछाप डॉक्टर से उपचार करवाने के बाद, जब उसकी स्थिति गंभीर हो गई, तो परिवार ने उसे दिल्ली के एम्स अस्पताल में भर्ती कराया। हालांकि, शनिवार की देर शाम वहां उसकी मृत्यु हो गई।
युवक के चाचा, गिर्राज धाकड़ ने बताया कि नितेश शाम को खेत में जा रहा था, तभी उसके हाथ में एक कुत्ते ने काट लिया। शुरुआत में, उसने स्थानीय प्राइवेट क्लिनिक में इलाज कराया, जहां उसे इंजेक्शन दिया गया और घाव पर पट्टी बाँधी गई। लेकिन कुछ दिनों बाद, नितेश को मतिभ्रम जैसे लक्षण दिखने लगे। इसके बाद परिजनों ने उसे ग्वालियर मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया, जहां डॉक्टरों ने रेबीज की पुष्टि की। उसकी हालत में सुधार नहीं होने पर उसे दिल्ली के एम्स रेफर किया गया, लेकिन वहां भी उसकी जान नहीं बचाई जा सकी।
रेबीज एक गंभीर बीमारी है, जो कुत्तों या अन्य आवारा जानवरों के काटने से लार के माध्यम से फैलती है। अगर कोई व्यक्ति रेबीज से संक्रमित हो जाता है और वह किसी को काट लेता है, तो उस व्यक्ति में भी संक्रमण फैल सकता है। इसीलिए, किसी जानवर के काटने की स्थिति में तुरंत डॉक्टर से सलाह लेना और रेबीज का टीका लगवाना अति आवश्यक है।
इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना ने एक बार फिर से रेबीज और अन्य जानवरों के काटने से होने वाले संक्रमणों के प्रति जागरूकता की आवश्यकता को रेखांकित किया है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि स्थिति की गंभीरता को समझते हुए तत्काल चिकित्सा सहायता लेना जरूरी है।