शिवपुरी: अंधविश्वास का एक भयावह रूप सामने आया है, जब एक तांत्रिक ने केवल 6 महीने के एक मासूम बच्चे पर ऐसा जुल्म ढाया है कि सुनकर ही रूह कांप उठती है। यह घटना शिवपुरी के हनुमान कॉलोनी क्षेत्र में हुई, जहां रघुवीर नामक तांत्रिक ने इस निर्बल बच्चे को "धूनी" देने के नाम पर गंभीर तरीके से घायल कर दिया।
सूत्रों के अनुसार, बच्चे का नाम मयंक है, जिसे उसकी मां ने किसी भूत-प्रेत के साये से मुक्त कराने के लिए तांत्रिक के पास ले जाया था। मां ने रोते हुए बताया कि बच्चे को उल्टी और दस्त की समस्या थी, जिसके समाधान के लिए उसने रघुवीर धाकड़ का सहारा लिया। तांत्रिक ने बच्चें को उलटा करके उसकी दोनों टांगों को आग के ऊपर पकड़ा, जिससे बच्चे का चेहरा जल गया और दोनों आंखों में गंभीर धुंआ चला गया।
डॉक्टरों कीपतिक्रिया
जिला अस्पताल में पहुँचने पर, डॉ. गिरीश चतुर्वेदी ने देखा कि बच्चे के गाल और होंठ जल गए हैं और उसकी आंखों की स्थिति भी अत्यंत खराब है। प्रारंभिक चिकित्सा के बाद डॉक्टर ने बताया कि बच्चे की आंखों का कार्निया जलकर सफेद हो चुका है, जिससे उसकी दृष्टि पर गंभीर खतरा है।
डॉ. चतुर्वेदी ने समझाया कि अगर समय पर इस मामले में कार्रवाई नहीं की गई तो बच्चे की दृष्टि हमेशा के लिए जा सकती है। उन्होंने घटना की निंदा करते हुए इसे मानवता पर बड़ा कलंक बताया। डॉक्टर ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर इस घटना के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।
पुलिस की कार्रवाई
इस मामले की जानकारी के बाद पुलिस प्रशासन ने सख्त कदम उठाया है। एसडीओपी प्रशांत शर्मा ने बताया कि तांत्रिक रघुवीर के खिलाफ FIR दर्ज की गई है। उन्होंने यह भी पुष्टि की कि बालक की मां राजवती के बयान के आधार पर तांत्रिक के खिलाफ धारा 118(1) बीएनएस और धारा 75 JJ ACT के तहत मामला दर्ज किया गया है।
सामाजिक कुरीतियां
सासंद व सामाजिक कार्यकर्ता भी इस मामले को गंभीरता से ले रहे हैं। उन्होंने निरंतर रूप से अंधविश्वास के खिलाफ जागरूकता फैलाने की आवश्यकता पर बल दिया है। अंधविश्वास के कारण समाज में जो कुरीतियां फैली हुई हैं, उनके खिलाफ एक संयुक्त अभियान चलाने का सुझाव दिया गया है।
यह घटना एक बार फिर से इस बात को रेखांकित करती है कि कैसे अंधविश्वास की परिधि में इंसानियत को खतरा पैदा होता है। जब लोग अंधविश्वास के बढ़ते जाल में बिछ जाते हैं, तो वे अपने प्रियों को भी नुकसान पहुँचाने में संकोच नहीं करते। यह अत्यंत चिंताजनक है कि आज भी लोग शिक्षा और विज्ञान के महत्व को नकारते हुए ऐसे तांत्रिकों के जाल में फंस जाते हैं।
समाज के प्रत्येक व्यक्ति को यह समझने की आवश्यकता है कि तांत्रिकों पर विश्वास करने के बजाय डॉक्टरों और चिकित्सक विशेषज्ञों पर भरोसा किया जाना चाहिए। स्वास्थ्य से संबंधित किसी भी समस्या के लिए परिवारों को उचित चिकित्सा सलाह लेनी चाहिए और अंधविश्वास की ओर नहीं जाना चाहिए।
इस घटना के बाद, कौन कह सकता है कि अंधविश्वास पर आधारित इस अमानवीयता का अंत कब होगा? क्या समाज इस बार सीख लेगा, या फिर इस घटना को भी भुला देगा? केवल समय ही बताएगा, लेकिन एक बात स्पष्ट है कि हमें अंधविश्वास के खिलाफ संघटित होकर खड़ा होना होगा।