टीबी मरीजों को पौष्टिक आहार , अच्छी देखभाल, नियमित दवा जरूरी : डॉक्टर राजेश अहिरवार

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मेडिकल कॉलेज में टीबी की बीमारी पर जन-जागरूकता सेमीनार आयोजित

शिवपुरी। श्रीमंत राजमाता विजयाराजे सिंधिया चिकित्सा महाविद्यालय एवं चिकित्सालय में शनिवार को अधिष्ठाता डॉक्टर डी परमहंस के मार्गदर्शन में कम्युनिटी मेडिसिन विभाग के विभागाध्यक्ष डॉक्टर राजेश अहिरवार के नेतृत्व में टीबी जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस दौरान अधिष्ठाता डॉक्टर डी परमहंस, अधीक्षक डॉक्टर आशुतोष चौऋषि,कम्युनिटी मेडिसिन विभागाध्यक्ष डॉक्टर राजेश अहिरवार, विभागाध्यक्ष डॉक्टर ईला गुजारिया सहित अन्य पदाधिकारियों ने मां सरस्वती की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर अधिकारी सहित वक्ताओं ने टीबी रोग पर प्रकाश डाला। 
राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के तहत कॉलेज में एक दिवसीय टीबी जागरुकता अभियान चलाया गया। 

सेमिनार को संबोधित करते हुए अधिष्ठाता डॉक्टर डी परमहंस ने कहा कि टीबी मुक्त भारत के निर्माण में सबकी सहभागिता और सबका सहयोग आवश्यक है चिकित्सक और चिकित्सालय तो अपना कार्य करेगा ही पर समाजसेवी संस्थानों या समाजसेवी व्यक्तियों को इस दिशा में आगे आना होगा। इसके साथ ही साथ जो टीबी के मरीज हैं वह भी जागरूकता और संवेदनशील बने, जो टीबी मरीज उपचार पूर्ण कर टीबी मुक्त हो रहे हैं वो समाज को बतायें की हमने टीबी की दवा अपने निकटवर्ती शासकीय अस्पताल से निशुल्क प्राप्त कर, नियमित सेवन किया और आज मैं पुरी तरह से स्वस्थ हूं।

इस दौरान कम्युनिटी मेडिसिन विभाग के विभागाध्यक्ष डॉक्टर राजेश अहिरवार ने नर्सिंग ऑफिसर, पैरामेडिकल, एमबीबीएस छात्र-छात्राओं को बताया कि टीबी मरीजों को पौष्टिक आहार लेना बेहद जरुरी है। अच्छी देखभाल और नियमित दवा से टीबी बीमारी को जड़ से समाप्त किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि दो सप्ताह से अधिक खांसी, वजन कम होना, धीमा बुखार होना, बलगम में खून आना, कमजोरी लगना आदि टीबी के लक्षण है। ऐसे लक्षण देखे जाने के बाद नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में जाकर बलगम जांच कराना चाहिए। उन्होंने बताया कि हमारे मेडिकल कॉलेज सहित सरकारी अस्पतालों में टीबी का इलाज निशुल्क किया जाता है। 

 जिला क्षय रोग अधिकारी डॉक्टर अल्का त्रिवेदी ने बताया कि सरकर द्वारा टीबी से पीड़ित मरीजों को दवाइयों की किट मुफ्त दी जा रही है. इसके साथ ही सरकार की तरफ से भी टीबी के मरीजों को हर महीने 500 रुपए मदद देने की योजना चल रही है, ताकि मरीज अपने लिए हेल्दी फूड (पौष्टिक आहार) खरीद पाएं और इलाज के लिए ट्रैवल में खर्च कर सकें. मरीजों को यह मदद उनके पूरी तरह ठीक होने तक मिलती है.उन्होंने बताया कि आधार नंबर और मेडिकल डॉक्युमेंट्स के हिसाब से रकम बैंक अकाउंट में डायरेक्ट ट्रांसफर की जाती है. इस अस्पताल में जितने भी मरीज भर्ती हैं. भर्ती होने के दिन से ही उनके आधार कार्ड और बैंक डिटेल को जमा किया जाता है और जब तक वह भर्ती रहते हैं, तब तक उन्हें 500 रुपए महीना और पौष्टिक आहार दिया जाता है. सरकार की तरफ से टीवी मरीजों के लिए कई प्रकार की योजना है, जिनमें मुफ्त दवाइयां किट भी उन्हें दी जाती है। इसी के साथ डॉ रितु चतुर्वेदी, डॉ प्रियंका गर्ग, डॉ प्रीति निगोटिया, डॉ विष्णु गुप्ता, डॉ प्रदीप राजोरिया , डॉक्टर प्रीतम सिंह, डॉ देवेश व्यास , डॉ छत्रपाल सिंह ने भी टीबी रोग पर प्रकाश डाला और निदान बताए।

इस दौरान अधीक्षक डॉक्टर आशुतोष चौऋषि, डॉक्टर ईला गुजारिया, पैथोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉक्टर अपराजिता तोमर, विभागाध्यक्ष फोरेंसिक राजेंद्र मौर्य, विभागाध्यक्ष शिखा जैन, सहा. पी आर ओ राहुल अष्ठाना सहित कॉलेज के समस्त वरिष्ठ सीनीयर, जूनियर डॉक्टर्स,नर्सिंग ऑफिसर, पैरामेडिकल स्टाफ के साथ एमबीबीएस, डीएमएलटी, के छात्र - छात्राऐं उपस्थित हुए।
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