सफाई कर्मचारियों ने कुल 25 प्रमुख मांगें रखी हैं, जिनमें सबसे महत्वपूर्ण हैं: स्थानांतरण को रद्द करना, कार्यस्थल के लिए वाहन की सुविधा मुहैया कराना, और उन्हें 6 घंटे से अधिक कार्य नहीं लेने देना। इसके अलावा, सफाई दरोगाओं को पेट्रोल भत्ता दिया जाना, एनपीएस की कटौती राशि का समय पर जमा कराना, और नियमित कर्मचारियों का बढ़ा हुआ वेतन देने की मांग की गई है।
प्रशासन की उपेक्षा से नाराज हैं कर्मचारी
सफाई कर्मचारी यूनियन ने आरोप लगाया है कि नगर पालिका प्रशासन उनकी समस्याओं को हल करने में गंभीर नहीं है। कर्मचारियों ने बताया कि 14 फरवरी और 5 अगस्त 2024 को हुई बैठक में किए गए समझौतों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है। इसके अलावा, उनको अत्यधिक कार्यभार दिया जा रहा है, जबकि सुरक्षा उपकरणों की भी व्यवस्था नहीं की जा रही। इससे कर्मचारियों की सुरक्षा और कार्यक्षमता पर गंभीर प्रभाव पड़ रहा है।
संबंधित अधिकारियों पर गंभीर आरोप
बाल्मीकि समाज के अध्यक्ष कमल किशोर कोड़े ने नगर पालिका के अध्यक्ष और पार्षदों पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि कर्मचारियों के साथ बरताव इसके लायक नहीं है। उन्होंने कहा, "हमारे कर्मचारियों को प्रताड़ित किया जा रहा है और उन्हें नौकरी से निकालने की धमकियां मिल रही हैं। यह पूरी प्रक्रिया न केवल अमानवीय है बल्कि अस्वीकार्य भी।"
उन्होंने आरोप लगाया कि कर्मचारियों को अव्यवस्थित कार्यों में लगा दिया जा रहा है, जैसे आवारा मवेशियों को पकड़ना और अतिक्रमण हटाना। ये कार्य उनकी मुख्य जिम्मेदारियों से बिल्कुल अलग हैं और इससे कर्मचारियों में असंतोष बढ़ रहा है।
सफाई कार्य पर पड़ रहा है प्रभाव
इस हड़ताल के शुरू होने से नगर पालिका क्षेत्र में सफाई व्यवस्था प्रभावित हो रही है। शहर के विभिन्न क्षेत्रों में कचरा जमा होना शुरू हो गया है, जिससे नागरिकों में नाराजगी भी देखने को मिल रही है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि सफाई कर्मचारी अपनी मांगों के लिए हड़ताल कर सकते हैं, लेकिन शहर की सफाई व्यवस्था में बाधा डालने से समस्याएं सार्वजनिक स्वास्थ्य पर भी असर डाल सकती हैं।
समाधान की आस
उम्मीद की जा रही है कि नगर पालिका प्रशासन इस मुद्दे को गंभीरता से लेगा और कर्मचारियों की मांगों का शीघ्र समाधान करेगा। कर्मचारियों ने स्पष्ट किया है कि वे सजग रहेंगे और अपनी मांगों के लिए अपनी लड़ाई जारी रखेंगे, ताकि उन्हें न्याय मिले और उनका कामकाज सुरक्षित रहे।
इस हड़ताल से संबंधित सभी अपडेट्स पर ध्यान रखना आवश्यक है। शिवपुरी नगर पालिका को चाहिए कि वे कर्मचारी वर्ग के साथ संवाद करें और द्विपक्षीय समस्या का समाधान निकालें, ताकि वे अपने कार्य में और ईमानदारी से जुट सकें और शहर की सफाई व्यवस्था बाधित न हो।