निरीक्षण के दौरान, सीएमएचओ ने पाया कि अस्पताल में बेड की कमी है, और कई महिलाएं जमीन पर लेटी हुई थीं। डॉ ऋषीश्वर ने अस्पताल के विभिन्न वार्डों, आपातकालीन कक्ष और अन्य विभागों का दौरा करते हुए वहां मौजूद कर्मचारियों से उनकी उपस्थिति और कार्यों की जानकारी ली। उन्होंने अस्पताल में उपलब्ध दवाओं, उपकरणों और आवश्यक सामग्रियों का भी जायजा लिया।
इस निरीक्षण का मुख्य उद्देश्य रात से संबंधित स्वास्थ्य सेवाओं का मूल्यांकन करना था, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि मरीजों को समय पर उचित चिकित्सा सहायता मिल रही है या नहीं।
डॉ ऋषीश्वर ने बताया कि अस्पताल में कोई डॉक्टर उपलब्ध नहीं है। लुकवासा में पहले कार्यरत डॉक्टर को कोलारस अटैच कर दिया गया था, जबकि दूसरे डॉक्टर, डॉ अमित धाकड़, वर्तमान में छुट्टी पर हैं। उन्होंने यह भी कहा कि पूरे जिले में डॉक्टरों की कमी है, और इस समस्या के समाधान के लिए कई बार वरिष्ठ कार्यालय को पत्र लिखा गया है।
सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं की इस स्थिति पर सवाल उठाते हुए यह आवश्यक हो गया है कि संबंधित अधिकारी इस मुद्दे का समाधान जल्द से जल्द करें, ताकि क्षेत्र के लोगों को आवश्यक चिकित्सा सेवाएं संतोषजनक रूप से मिल सकें।