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शिवपुरी जिले के नरवर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में दर्दनाक नजारा—सिर्फ एक स्ट्रेचर, बाकी घायल ज़मीन पर तड़पते रहे, वीडियो वायरल
शिवपुरी जिले के नरवर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से आई तस्वीरों ने पूरे जिले के स्वास्थ्य सिस्टम की पोल खोल दी है। करैरा रोड पर पौहा हनुमान मंदिर के सामने दो बाइकों की भिड़ंत में पाँच लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। लेकिन जब उन्हें इलाज के लिए नरवर अस्पताल लाया गया, तो वहां का नजारा इंसानियत को शर्मसार करने वाला था।
घायलों को फर्श पर लिटा कर मलहम-पट्टी की गई। अस्पताल में सिर्फ एक स्ट्रेचर मौजूद था। बाकी घायल—जिनमें एक महिला और चार पुरुष शामिल थे—फर्श पर पड़े तड़पते रहे। घायलों में सालू कुशवाह, मुन्नी वाई कुशवाह (नरवर), गजराज सिंह रावत, रायसिंह रावत और दीमान रावत (करही) शामिल हैं। सभी को बाद में गंभीर स्थिति में शिवपुरी रेफर किया गया।
स्थानीय लोगों ने उठाए सवाल:
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि घायलों को अस्पताल तक लाने के लिए भी एंबुलेंस की सुविधा तुरंत नहीं मिली। अस्पताल पहुंचने पर न तो पर्याप्त स्ट्रेचर थे और न ही इलाज की सही व्यवस्था। डॉक्टरों ने जमीन पर ही पट्टियां कीं, और इस दर्दनाक दृश्य का वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो चुका है।
स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही:
शिवपुरी जिला अस्पताल सहित तहसील और ब्लॉक स्तर के स्वास्थ्य केंद्रों की बदहाली कोई नई बात नहीं। लेकिन अब सवाल ये उठ रहा है कि इतनी बड़ी लापरवाही के बाद भी जिम्मेदार अधिकारी चुप क्यों हैं?
कौन होगा जिम्मेदार?
क्या नरवर स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी या शिवपुरी सीएमएचओ पर कोई कार्रवाई होगी? या फिर यह मामला भी जांच के नाम पर फाइलों में दबा दिया जाएगा?
जनता पूछ रही है:
क्या ज़मीन ही अब सरकारी अस्पतालों में इलाज का स्थान बन गई है?
क्या घायल मरीजों के साथ ऐसा अमानवीय व्यवहार प्रशासन की नाकामी नहीं दर्शाता?
आखिर कब तक चलेगा यह ‘जिम्मेदारी से बचाव’ का खेल?
इस लापरवाही के जिम्मेदार अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाए और स्वास्थ्य सुविधाओं की हालत पर ज़मीनी कार्यवाही की जाए।
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