शिवपुरी जिले के कोलारस तहसील के ग्राम साखनौर की जाटव बस्ती में रहने वाले लोगों को बुनियादी सुविधाओं की कमी के चलते गंभीर परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। हाल ही में आयोजित जनसुनवाई में ग्रामीणों ने कलेक्टर के समक्ष अपनी समस्याएँ उठाई, जिसमें मुख्य रूप से पानी और बिजली की अनुपलब्धता थी।
बुनियादी सुविधाओं का अभाव
गर्मी के मौसम में स्थानीय बच्चों की स्थिति अत्यंत दयनीय है। बिजली की कमी के कारण न केवल उनकी पढ़ाई प्रभावित हो रही है, बल्कि बस्ती में स्ट्रीट लाइट की सुविधा न होने से रात में भी लोग सुरक्षित महसूस नहीं कर पा रहे हैं।
पानी की गंभीर समस्या
पानी की समस्या और भी विकराल रूप ले चुकी है। ग्राम पंचायत के सरपंच संतोष लोधी ने बस्ती में पहले से बने बोर से मोटर को हटा दिया है, जिसके चलते पानी की टंकी भी खाली पड़ी हुई है। अब बस्ती के 30 परिवारों को एक ही हैंडपंप पर निर्भर रहना पड़ रहा है, जो कि उनके लिए काफी कठिनाई पैदा कर रहा है।
जातिगत भेदभाव का आरोप
ग्रामीणों का आरोप है कि सरपंच संतोष लोधी और सचिव प्रताप लोधी अनुसूचित जाति के लोगों के प्रति भेदभाव कर रहे हैं। बार-बार शिकायत करने पर भी उनकी समस्याओं का समाधान नहीं हो रहा है। यह भेदभाव ग्रामीणों को मानसिक रूप से भी प्रभावित कर रहा है, और उन्होंने इस मामले में कलेक्टर से उचित कार्रवाई की मांग की है।
ग्रामीणों की प्रमुख मांगें
बस्ती में पानी और बिजली की आपूर्ति के लिए त्वरित कदम उठाए जाएं, ताकि लोगों की समस्या का समाधान हो सके। सरपंच और सचिव पर लगाए गए आरोपों की जांच की जाए और आवश्यक कार्रवाई की जाए, ताकि ग्रामीणों को न्याय मिल सके। साखनौर की जाटव बस्ती के लोग बुनियादी आवश्यकताओं से वंचित हैं, और यह स्थिति यथाशीघ्र सुधारने की आवश्यकता है। स्थानीय प्रशासन को इस गंभीर समस्या के समाधान के लिए तत्परता दिखानी होगी, ताकि लाखों लोगों की जिंदगी में सुधार आ सके।