शिवपुरी में सफाई कर्मचारियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल तीसरे दिन भी जारी है, जिससे शहर की सफाई व्यवस्था पूरी तरह से ठप हो गई है। सफाई कर्मचारियों ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर हड़ताल की है, जिसके कारण पूरे शहर में जगह-जगह कचरे के ढेर नजर आ रहे हैं। नागरिकों का कहना है कि प्रधानमंत्री मोदी के स्वच्छ भारत अभियान की शिवपुरी में सार्थकता संदिग्ध हो गई है।
स्थानीय निवासी बताते हैं कि कई कॉलोनियों में कचरे का अंबार लगा हुआ है, जिससे स्वास्थ्य हितों को खतरा उत्पन्न हो गया है। शिवपुरी नगर पालिका के अधिकारियों ने सफाई के नाम पर केवल खानापूर्ति कर रखी है। नगर पालिका के सीएमओ इशांत धाकड़ ने कोर्ट रोड और नारियल वाली गली में सफाई की, लेकिन यह पर्याप्त नहीं है।
नवरात्रि के अवसर पर रामनवमी और हनुमान जयंती जैसे धार्मिक आयोजनों के साथ, मंदिरों और अन्य सार्वजनिक स्थलों पर बढ़ती गंदगी से स्थानीय लोगों में चिंता का माहौल बन गया है। धार्मिक आयोजनों पर यह प्रभाव डाल सकता है और साथ ही बीमारियों के फैलने का खतरा भी बढ़ा सकता है।
इस स्थिति को और बदतर करते हुए, नगर पालिका के पंप अटेंडरों ने भी हड़ताल का समर्थन शुरू कर दिया है, जिससे शहर में Water supply को लेकर संभावित संकट उत्पन्न हो रहा है। सफाई कर्मचारी यूनियन ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगों पर ठोस निर्णय नहीं हुआ, तो वे हड़ताल को और उग्र रूप देंगे।
शहर में गंदगी का यह आलम नागरिकों के लिए काफी परेशानी का कारण बन गया है। ऐसे में नगर पालिका को तुरंत कोई समाधान ढूंढना होगा, ताकि नागरिकों को इस कठिनाई से जल्द राहत मिल सके।