शिवपुरी में 3 अक्टूबर से ये कार्यक्रम प्रारम्भ हो चूके है। और 23 जनवरी तक यह कार्यक्रम सम्पन्न होंगे।
शिवपुरी : विद्या भारती मध्यभारत प्रान्त द्वारा आयोजित सप्तशक्ति संगम कार्यशाला के उपलक्ष्य में आज सरस्वती विद्यापीठ फतेहपुर पर प्रेसवार्ता आयोजित की गई ।
आप सभी को लग रहा होगा कि इस कार्यक्रम का नाम सप्तशक्ति संगम क्यों रखा गया है। तो मैं आप लोगो को बताना चाहती हूं कि गीता के 10 वें अध्याय के 34 वे श्लोक में कहा गया है कि कीर्ति (यश या ख्याति) श्री (समृद्धि या सौभाग्य) वाक् (वाणी या भाषा) स्मृति (याददाशत) मेधा (बुद्धि या समक्ष) धृति (धैर्य या सहन शीलता) क्षमा (माफी या सहनशीलता) तो अपनी जो केन्द्रीय टोली ने निर्धारित किया कि इस बार सप्तशक्यिों का संगम करते हैं तो इस कार्यक्रम की ऐसी रूप रेखा बनी हुई है कि पूरे देश में विद्यालय केंद्रित ये कार्य क्रम होंगे ये नही हैं कि विद्या भारती में हजारो छात्रों की संख्या वाले बडे बडे विद्यालय चलते है जो हमारे लिये भी उदाहरण है तो ऐसे संयुक्त परिवारो को वहां सादर आमंत्रित करके उनके सबके समक्ष उदाहरण प्रस्तुत करना है। उन्हें वहां पर सम्मानित करना है। हम लोकल फोर वोकल की बात करते है। जो बहिने इन कार्यों को कर रही है उन बहिनों को वहां खडा करने सम्मानित करना हैं अपने देश मे 22 हजार विद्यालय संचालित है। तो अनुमान हमने अभी तक जो ऑनलाईन ऑफलाइन बैठकों से अपना जो आंकडा आया है। तो पूरे देश में 30 हजार ये कार्यक्रम संम्पन होंगे। 03 अक्टूबर से ये कार्यक्रम प्रारम्भ हो चूके है। और 23 जनवरी तक यह कार्यक्रम सम्पन्न होंगे। साथ में क्या किया है कि पूरे देश के दो विद्यालय एक ग्रामीण व एक नगरीय शोध के लिये चूने गये है। उनके रिसर्च शुरू करेंगे और कार्यक्रमों के बाद जो परिणाम निकलकर आयेगा। बहुत ही अच्छा परिणाम निकलकर आयेगा। आप सभी पत्रकार बन्धुओ का भी हम धन्यवाद करते है क्योंकि हम जो कार्यक्रम करेंगे और इन कार्यक्रमों की जो रिर्पोट है वह आपके द्वारा पूरे समाज में जायेगी। हमने अपना आंकडा पूरा कर दिया है लेकिन आप तो देशों विदेशो तक हमारी बात को पहुंचायेगे इसके लिये आपका बहुत बहुत धन्यवाद और सभी का आभार ।