10 मार्च को, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने माधव राव सिंघिया की जयंती के अवसर पर शिवपुरी जिले के माधव नेशनल पार्क में एक मादा बाघ को छोड़कर माधव टाइगर रिजर्व की आधिकारिक घोषणा की। यह प्रदेश का नौंवां टाइगर रिजर्व है, जो वन्य जीवों के संरक्षण और पर्यटन के विकास में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने शिवपुरी में हवाई पट्टी पर पहुँचने के बाद, सेलिंग क्लब से माधव राष्ट्रीय उद्यान के लिए प्रस्थान किया। टाइगर रिलीज स्थल पर बाघ को छोड़ने के समय प्रदेश के नवे टाइगर रिजर्व के प्रतीक चिन्ह का विमोचन भी किया गया।
माधव नेशनल पार्क, जिसे वर्ष 1956 में स्थापित किया गया था, अब टाइगर रिजर्व घोषित होने के बाद पर्यटकों के लिए एक प्रमुख आकर्षण का केंद्र बनेगा। यहाँ एशिया का पहला चीता प्रोजेक्ट भी लागू किया गया है, जहाँ चीतों की दूसरी पीढ़ी का जन्म हुआ है। इससे पहले, माधव राष्ट्रीय उद्यान में दो मादा और एक नर बाघ छोड़े गए थे, जिनमें से एक मादा बाघ ने दो शावकों को जन्म दिया है। वर्तमान में यहाँ 6 बाघ हैं और बाघों की संख्या में वृद्धि प्राकृतिक ब्रीडिंग के माध्यम से होने की उम्मीद है।
शिवपुरी के निकट होने के कारण यह स्थान पर्यटकों के लिए सुविधाजनक रहेगा। कूनो राष्ट्रीय उद्यान में चीतों और माधव राष्ट्रीय उद्यान में बाघों की उपस्थिति पर्यटकों को दो बड़े वन्य जीवों को देखने का अनोखा अवसर प्रदान करेगी।
माधव राष्ट्रीय उद्यान में बाघों के अलावा तेंदुआ, भेड़िया, सियार, साही, अजगर, और चिंकारा जैसे अनेक वन्य प्राणी भी पाए जाते हैं, जो इसे और भी आकर्षक बनाते हैं।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के साथ केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, मंत्री तुलसी और मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर, विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर सहित अन्य बीजेपी के नेता इस अवसर पर उपस्थित रहे।
सीएम डॉ. मोहन यादव ने कहा, "स्वर्गीय माधव महाराज की 80वीं जयंती के अवसर पर यह एक महत्वपूर्ण कदम है। यह टाइगर अभयारण सिर्फ बाघ के लिए नहीं, बल्कि पूरे चंबल क्षेत्र के विकास के लिए भी एक अवसर है। यहाँ रोजगार की संभावनाएँ भी बढ़ेंगी, और क्षेत्र में विकास के नए दरवाजे खुलेंगे।"
उन्होंने यह भी कहा, "शिवपुरी हमेशा अपनी प्राचीन रियासत के कारण गौरवशाली रही है। यहाँ के वन्य जीवन और पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ-साथ हम समाज के विभिन्न हिस्सों के लिए विकास के नए आयाम स्थापित कर रहे हैं।"
माधव नेशनल पार्क का यह टाइगर रिजर्व बनने का कदम न केवल पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनेगा, बल्कि यह वन्य जीवों को संरक्षण और विकास के नए अवसर भी प्रदान करेगा।