आग की शुरुआत बाजागर के पास से हुई, जहां सिंधिया छत्री की दीवार के पास पड़े सूखे पत्तों में आग ने विकराल रूप ले लिया। राहत की बात यह है कि आग मुख्य छत्री परिसर तक नहीं पहुंच पाई। दमकल कर्मियों ने अपनी तत्परता दिखाते हुए आग पर तुरंत नियंत्रण पा लिया, जिससे किसी भी प्रकार की जनहानि या संपत्ति का नुकसान नहीं हुआ।
सिंधिया राजवंश की इस छत्री के आसपास कई धार्मिक और ऐतिहासिक स्थल भी हैं, जिनमें बाणगंगा प्रमुख है। विदित है कि यह क्षेत्र घने जंगल से घिरा होने के कारण आग का खतरा हमेशा बना रहता है।
घटना के दौरान पुलिस और दमकल विभाग की दो गाड़ियां मौके पर तैनात रहीं। दोनों विभागों के कर्मचारियों की सतर्कता के चलते बड़ी दुर्घटना टल गई। स्थानीय नागरिकों ने भी दमकलकर्मियों की तत्परता की सराहना की है।