स्थानीय निवासी अर्चना राठौर ने बताया कि दुकान के पास मंदिर और स्कूल हैं, जहां बच्चियाँ रोज स्कूल जाने आती हैं। उन्होंने कहा, "यहाँ पर लोग शराब पीकर गालियाँ देते हैं। ऐसे में हम अपने बच्चों को कैसे बाहर भेजें?"
उन्होंने यह भी बताया कि प्रशासनिक अधिकारियों ने उन्हें आश्वासन दिया है कि इस मुद्दे पर कार्रवाई की जाएगी, लेकिन उन्होंने लिखित में कोई पुष्टि नहीं की है, जिससे महिलाएँ आश्वस्त नहीं हैं।
स्थानीय निवासी शीला धनों ने भी अपनी चिंता व्यक्त की और कहा कि शराबियों के कारण स्थिति गंभीर हो गई है। वे चाहते हैं कि इस दुकान को तुरंत हटाया जाए। उन्होंने कहा कि जब तक उन्हें लिखित में गारंटी नहीं मिलती, उनका विरोध जारी रहेगा।
एसडीएम उमेश कौरव ने महिलाओं की समस्याओं का संज्ञान लिया और कहा कि इस मुद्दे पर विचार किया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि पुलिस समय-समय पर कार्रवाई कर रही है, लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि शराब पीने वाले भी नागरिक हैं और उन्हें समझाना पड़ेगा।
जिला आबकारी अधिकारी संजय गुप्ता ने कहा कि यदि लोगों द्वारा मुझसे शिकायतें आती हैं तो उन पर उचित कार्रवाई होती है। उन्होंने यह आश्वासन दिया कि 15 दिनों के भीतर एक वैकल्पिक स्थान खोजने का प्रयास किया जा रहा है।