शिवपुरी जिले में सामने आए एक विस्फोटक घटनाक्रम ने न्यायिक व्यवस्था, व्यक्तिगत नैतिकता और सामाजिक भरोसे पर गहरी चोट की है। मामला एक सिविल जज दीपू शाक्य से जुड़ा है, जिन पर दो महिलाओं की निजी ज़िंदगी को तबाह करने और पद के प्रभाव का निजी हित में इस्तेमाल करने के गंभीर आरोप लगे हैं।
इस पूरे मामले में प्रेम, छल, फर्जी दस्तावेज़ों का इस्तेमाल और अफीम जैसे बहाने के साथ कानून की आड़ लेकर भावनात्मक और पारिवारिक शोषण का आरोप सामने आया है।
पहली कहानी: शिक्षा का सहारा लेकर छीन लिया जीवनसाथी
राघवेंद्र नगर के निवासी आशीष पाल ने मीडिया के सामने बताया कि उन्होंने 2006 में एक युवती से विवाह किया और उसे पढ़ाई के हर मुकाम पर सहयोग देकर आगे बढ़ाया। बीए, एलएलबी, बीएड और पीजीडीसीए जैसी डिग्रियां दिलाकर उन्होंने उसे सिविल जज बनाने का सपना पूरा किया।
आशीष के मुताबिक, उनकी पत्नी जब प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रही थीं, तब एक कोचिंग संस्थान में उनकी मुलाकात दीपू शाक्य से हुई। दीपू भी जज बनने की तैयारी कर रहे थे और बाद में चयनित भी हो गए। समय बीतने के साथ, यह रिश्ता सामान्य मैत्री से आगे बढ़ने लगा।
16 अप्रैल 2025 को आशीष की पत्नी अचानक दोनों बच्चों और करीब 50 ग्राम सोने के आभूषणों के साथ घर से चली गईं। उन्होंने पुलिस में गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई और आशंका जताई कि दीपू शाक्य ने उनकी पत्नी को बहलाकर साथ ले गए हैं।
दूसरी पीड़िता: पति बना जज, और फिर बदल गया सब कुछ
जवाहर कॉलोनी निवासी गंगा शाक्य ने भी पत्रकारों से बातचीत में अपनी आपबीती साझा की। उन्होंने 2011 में दीपू शाक्य से प्रेम विवाह किया था। शादी के बाद जब दीपू 2019 में न्यायिक सेवा में चयनित हुए, तब उनका व्यवहार पूरी तरह बदल गया। गंगा का दावा है कि उसके बाद उन्हें शारीरिक और मानसिक यातना झेलनी पड़ी।
गंगा के अनुसार, 2024 में दीपू ने अफीम तस्करों से जान का खतरा बताते हुए कहा कि उनकी सुरक्षा के लिए उन्हें तलाक लेना जरूरी है। उन्होंने इसे केवल 'कानूनी औपचारिकता' बताया और गंगा को भरोसे में लेकर तलाक की प्रक्रिया पूरी कराई। जनवरी 2025 में यह तलाक कानूनी रूप से मंजूर हो गया।
फर्जी पहचान से खुली पोल
गंगा को शक तब हुआ जब उनके हाथ एक आधार कार्ड लगा, जिसमें उनके नाम पर किसी और महिला – यानी मोनिका (आशीष की पत्नी) – की तस्वीर लगी हुई थी। जब गंगा ने आशीष से संपर्क कर पूरी कहानी साझा की, तो दोनों की कहानियों की कड़ियाँ आपस में जुड़ गईं।
गंगा का आरोप है कि तलाक के बाद दीपू अब उसी महिला के साथ रह रहे हैं जो पहले आशीष की पत्नी थी। उन्होंने यह भी कहा कि यह पूरा घटनाक्रम पहले से योजनाबद्ध था।