शिवपुरी | शनिवार को शिवपुरी में धार्मिक-सामाजिक संगठनों के सदस्यों ने पश्चिम बंगाल में हिंदू समुदाय के विरुद्ध कथित हिंसात्मक घटनाओं के विरोध में सार्वजनिक प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने शहर के मुख्य चौराहे पर एकत्र होकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री के विरोध में प्रतीकात्मक पुतला दहन किया।
प्रदर्शन उपरांत प्रतिनिधिमंडल ने जिला कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा, जिसमें पश्चिम बंगाल की कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठाए गए। दस्तावेज़ में कहा गया है कि मुर्शिदाबाद जिले से आरंभ हुए तनाव ने अब समूचे राज्य में गंभीर स्थिति उत्पन्न कर दी है।
ज्ञापन में यह आरोप भी लगाए गए हैं कि वक्फ से जुड़े मामलों के विरोध को आधार बनाकर कुछ समूहों ने बहुसंख्यक समाज के घरों और व्यवसायिक परिसरों को निशाना बनाया, जिसमें लूटपाट, आगजनी और हिंसा की घटनाएं सामने आईं। कई लोगों के मारे जाने और महिलाओं के साथ अमानवीय बर्ताव की घटनाओं का भी जिक्र किया गया है।
यह ज्ञापन विश्व हिंदू परिषद के जिला प्रभारी विनोद पुरी गोस्वामी के नेतृत्व में सौंपा गया, जिसमें दावा किया गया कि लगभग 500 परिवारों को सुरक्षा कारणों से अपने घर छोड़ने पड़े हैं। साथ ही बांग्लादेश और म्यांमार से अवैध रूप से आए लोगों की गतिविधियों पर चिंता व्यक्त की गई है।
ज्ञापन में राष्ट्रपति से की गई मांगें
ज्ञापन में केंद्र सरकार से निम्नलिखित मांगों पर त्वरित निर्णय लेने की अपील की गई:
1. पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन शीघ्र लागू किया जाए।
2. राज्य में हुई हिंसक घटनाओं की सीबीआई जांच कराई जाए।
3. कानून व्यवस्था का नियंत्रण केंद्रीय बलों को सौंपा जाए।
4. अवैध प्रवासियों की पहचान कर उन्हें देश से बाहर निकालने की प्रक्रिया शुरू की जाए।
5. भारत-बांग्लादेश सीमा पर सुरक्षा के तहत तारबंदी कार्य शुरू किया जाए।