शिवपुरी गुना: मानवता को शर्मसार करने वाली एक घटना में, गुना प्रशासन ने 16 बंधुआ मजदूरों को शिवपुरी के अपना घर आश्रम में पहुंचाया है, जिन्हें वर्षों से जानवरों की तरह रखा जा रहा था। ये मजदूर, जो अब जिंदा लाश बन चुके थे, दबंगों की हैवानियत का शिकार थे, जिन्होंने उन्हें मानसिक रूप से भी विक्षिप्त कर दिया था।
प्रशासन की टीम जब मजदूरों को मुक्त कराने के लिए पहुंची, तो उनकी हालत देखकर अधिकारी भी दंग रह गए। मजदूरों को करंट लगाकर काम करवाया जा रहा था, और उनकी देखभाल बिल्कुल नहीं की जा रही थी। जब टीम उन्हें अपने साथ ले जाने लगी, तो कई दबंगों ने विरोध किया और रोकने का प्रयास किया।
बीनागंज अस्पताल में मेडिकल चेकअप के बाद, कुछ मजदूरों ने चौंकाने वाले खुलासे किए। उनमें से एक हाई स्कूल का शिक्षक था, जिससे दबंग गोबर फिंकवा रहे थे। कुछ मजदूर ठीक से बोल नहीं पा रहे थे, लेकिन उन्होंने अंग्रेजी में अपना नाम लिखकर दिया।
सभी मजदूरों को शिवपुरी के अपना घर आश्रम लाया गया है, जहां वे अपनी नई जिंदगी की शुरुआत करेंगे। उन्हें समय पर भोजन और दवा दी जाएगी, जिससे उन्हें नया जीवन मिलेगा। मुक्त कराए गए मजदूर गोवा, उत्तर प्रदेश, झारखंड, राजस्थान, गुजरात आदि राज्यों के हैं। जिला अस्पताल के चिकित्सक डॉ. सोवरन राय ने बताया कि मजदूरों से इतना काम करवाया गया है कि वे अपनी हालत ठीक से बताने में भी असमर्थ हैं। उनके स्वास्थ्य का बिल्कुल ध्यान नहीं रखा गया, और बीमार पड़ने पर इलाज भी नहीं कराया गया। यह मानवता को शर्मसार करने वाला है। बीनागंज क्षेत्र में अभी भी सैकड़ों मजदूर दो जून की रोटी पर मशीन की तरह काम कर रहे हैं। यह घटना एक भयावह वास्तविकता को उजागर करती है और इस तरह की अमानवीयता को रोकने के लिए तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता पर जोर देती है।